सृष्टि से पहले अमर ओ३म् नाम था, अमर ओ३म् नाम था, आज भी है और कल भी रहेगा।
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ओ३म् महिमा
सृष्टि से पहले अमर ओ३म् नाम था, अमर ओ३म् नाम था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
सूरज की किरणों में उसी का तेज समाया है।
और चाँद सितारों में उसी की शीतल छाया है।
पृथ्वी की गोद में उसी का दुलार था, उसी का दुलार था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
सृष्टि से पहले....................
भवरों की तानों में मधुर संगीत उसी का है।
फूलों की यौवन में रंगीला गीत उसी का है।
आकाश जल थल में वही कलाकार था, वही कलाकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
सृष्टि से पहले.......................
सुख दुःख का लम्बा लेखा विधाता ने रचाया है।
ऐ बन्दे ! तेरे कर्मों का नक्शा सामने आया है।
तेरे पिछले कर्मों का उसी पे हिसाब था, उसी पे हिसाब था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
सृष्टि से पहले.................
न कर अभिमान एक दिन जान निकल जायेगी।
ये सजी सजाई काया मिट्टी में मिल जायेगी।
मुक्ति का एक रास्ता प्रभु का ही ध्यान था प्रभु का ही ध्यान था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
सृष्टि से पहले अमर ओ३म् नाम था, अमर ओ३म् नाम था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
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