दुनिया में रहने वाले, क्या तुझको ये खबर है।
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मृत्यु
दुनिया में रहने वाले, क्या तुझको ये खबर है।
दो दिन की जिन्दगी है, पल भर का ये सफर है।।
जीना जो चाहते थे, वो भी तो जी ना पाए।
घर बार छोड़के सब मिट्टी में जा समाए।।
कल तेरा मेरा सबका अंजाम ये हसर है।
दो दिन की जिन्दगी है,
पल भर आँखों ने तुझको, कितने दिखाये मुर्दे ।
कंधों पे तूने अपने, कितने उठाये मुर्दे।
फिर भी बना है अंधा, जब के तेरी नजर है।
दो दिन की जिन्दगी है,
पल भर जब मौत ने पुकारा, कुछ भी न काम आया।
जाते हुओं को देखो, कोई ना रोक पाया।।
सच्चाई से तूं इसकी क्यूं आज बेखबर है।
दो दिन की जिन्दगी है,
पल भर मत नाज कर तू अपने एहबाब दोस्तों पे।
लौट आएँगे ये तुझको बस खाक में मिलाके।
तेरा वहाँ ना कोई हमदम ना हमसफर है।
दो दिन की जिन्दगी है,
पल भर मरने से पहले तौबा, अपने गुनाह से कर ले।
अनजान मान जा तू, राहे प्रभू के चल दे।
मरने के बाद तेरा मुश्किल बहुत सफर है।
दो दिन की जिन्दगी है, पल भर
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