भगवान तुम्हारे दर पे भक्त आन खड़े हैं

  भगवान तुम्हारे दर पे भक्त आन खड़े हैं संसार के बंधन से परेशान खड़े हैं, परेशान खड़े हैं ओ मालिक मेरे ओ मालिक मेरे)- 2 १. संसार के निराले कलाकार तुम्ही हो, सब जीव जंतुओं के सृजनहार तुम्हीं हो हम प्रभुका मन में लिए ध्यान खड़े हैं .... संसार के बंधन... २. तुम वेद ज्ञान दाता,पिताओं के पिता हो वह राज कौन सा है, जो तुमसे छिपा हो हम तो हैं अनाड़ी बालक बिना ज्ञान खड़े हैं संसार के बंधन... ३. सुनकर विनय हमारी स्वीकार करोगे मंझधार में है नैया प्रभु पार करोगे हर कदम कदम पर आके ये तूफान खड़े हैं संसार के बंधन... ४.दुनिया में आप जैसा कहीं ओर नहीं है इस ठौर के बराबर कहीं ठौर नहीं है अपनी तो पथिक यह मंजिल जो पहचान खड़े हैं संसार के बंधन....

दुनिया में रहने वाले, क्या तुझको ये खबर है।


मृत्यु


दुनिया में रहने वाले, क्या तुझको ये खबर है।

 दो दिन की जिन्दगी है, पल भर का ये सफर है।।


 जीना जो चाहते थे, वो भी तो जी ना पाए। 

घर बार छोड़के सब मिट्टी में जा समाए।।

 कल तेरा मेरा सबका अंजाम ये हसर है।

दो दिन की जिन्दगी है, 


पल भर आँखों ने तुझको, कितने दिखाये मुर्दे ।

 कंधों पे तूने अपने, कितने उठाये मुर्दे।

 फिर भी बना है अंधा, जब के तेरी नजर है।

दो दिन की जिन्दगी है,


 पल भर जब मौत ने पुकारा, कुछ भी न काम आया। 

जाते हुओं को देखो, कोई ना रोक पाया।। 

सच्चाई से तूं इसकी क्यूं आज बेखबर है।

दो दिन की जिन्दगी है, 


पल भर मत नाज कर तू अपने एहबाब दोस्तों पे। 

लौट आएँगे ये तुझको बस खाक में मिलाके।

 तेरा वहाँ ना कोई हमदम ना हमसफर है।

दो दिन की जिन्दगी है,


 पल भर मरने से पहले तौबा, अपने गुनाह से कर ले। 

अनजान मान जा तू, राहे प्रभू के चल दे।

 मरने के बाद तेरा मुश्किल बहुत सफर है।

दो दिन की जिन्दगी है, पल भर

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