यजुर्वेद पाठ के लाभ

 यजुर्वेद पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं: 1. *आध्यात्मिक विकास*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से आध्यात्मिक विकास होता है, और व्यक्ति के जीवन में आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की प्राप्ति होती है। 2. *शांति और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 3. *नकारात्मक ऊर्जा का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 4. *स्वास्थ्य लाभ*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ होता है, और व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 5. *धन और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 6. *संतान सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से संतान सुख की प्राप्ति होती है। 7. *वैवाहिक जीवन में सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 8. *व्यवसाय में सफलता*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से व्यवसाय में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 9. *बाधाओं का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से बाधाओं का नाश होता है, और व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि...

संस्कार का प्रभाव

 संस्कार 

कोई हमारी मां-बहन को सताए, अथवा कोई विदेशी हमारे देश पर हमला करे तो हमारा खून खौलने लगता है। आक्रान्ता को उसके कुकर्म का दण्ड दिये बिना हमें चैन नहीं मिलता। ऐसा क्यों होता है? इसलिए कि आक्रान्ता का कुकर्म हमारे संस्कारों पर आघात पहुंचाता है। मां -बहनों की लाज बचाना, मातृभूमि को स्वर्ग से भी ऊंचा मानना हमारे संस्कारों में रच-बस चुका है। इस भूमण्डल पर भारत ही ऐसा देश है, जहां मनुष्य को मनुष्यता के सांचे में ढाला जाता है।


हमें बचपन से ही यह पाठ पढ़ाया जाता है कि दूसरों के स्वर्ग को माटी समझो, सबकी मां -बहनों को आदरणीय मानो, सबको सहारा दो, मानव हो तो मानव-मात्र से प्यार करो। अपने इन्हीं संस्कारों के कारण भारत सारे संसार का गुरु रहा है। केवल सोलह संस्कारों ने हमें देवताओं की पदवी से सुशोभित किये रखा है। यह 16 संस्कार हमारे पूर्ण व्यक्तित्व को निखार सकती है। 

परिवार के सदस्यों और मित्रों को इसे पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे तो सभी के जीवन फुलवारियों के समान महक उठेंगे।

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