आजादी का सच
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गीत -आजादी का सच ( तर्ज: अपनी आजादी को हम हरगिज़ भुला सकते नहीं )
आर्यों की कुर्बानी को हम , हरगिज़ भुला सकते नहीं ।
आजादी का सच कहेंगे, सच छुपा सकते नहीं।।
सच छुपा सकते नहीं।।
१.
बाद सन सत्तावन के जब, भारत में उदासी छाई थी
फिरंगियों की कूटनीति से, हमने मुंह की खाई थी
तब दयानंद स्वामी ने गौरव जगाया देश का
हुंकार स्वदेशी स्वराज की सबसे पहले लगाई थी।
ये अटल वो सत्य है,जिसको झुठा सकते नहीं।।
आजादी का सच कहेंगे ----
२.
आजादी के आंदोलन का जब, सच बताया जाएगा
सबसे ज्यादा आर्य थे, जेलों में जिक्र आएगा
करते रहे संध्या उपदेश,सहकर के कष्ट जेल में
ये कटु वो सत्य है जिसे,जेलर ना भूल पाएगा।
नेहरू मोहानी रिपोर्ट, हम भुला सकते नही।।
आजादी का सच ------
३.
परमानन्द महावीर पहुंचे काला पानी में
होतीलाल पृथ्वी सिंह सड़ गए काला पानी में
जोते गये कोल्हू में जयदेव और नंद गोपाल,
सेलुलर में आहुति दी,रामरखा बाली ने
हैं अमिट ये नाम, हम ये नाम मिटा सकते नहीं।।
आजादी का सच---------
४.
बिस्मिल रोशन चढ गये, फांसी भरी जवानी में
कोई कसर छोड़ी नहीं, गोरों ने मनमानी में
लाजपत ने खाईं थीं सीने पे अपने लाठियां
संगीनों से अड़ाई छाती , श्रद्धानंद सेनानी ने
जलियांवाला सत्यपाल रत्तो, को भुला सकते नहीं।।
आजादी का सच -----
४.
गुरुकुलों ने दी शरण, क्रांति के मतवालों को
सातवलेकर भगत सुभाष,मां भारती के लालों को
आजाद आकर रहते थे, आर्य समाजों में बेधड़क
इंडिया हाउस रहा जलाता, आजादी की मशालों को।
सरदार अर्जुन व बारहठ, तीन पीढ़ी भुला सकते नहीं।।
आजादी का सच-------
५.
कहां तक गाथा हम कहें, आर्यों के बलिदान की
आजादी के वास्ते , तन मन धन योगदान की
जुल्मो-सितम सहते रहे, ना इंच भर पीछे हटे
नींव हिला कर ही रहे ये, जुल्मी इंग्लिस्तान की।
नींव के पत्थर हैं ये पत्थर हिला सकते नहीं।।
आजादी का सच---------
आर्यों की कुर्बानी को हम , हरगिज़ भुला सकते नहीं ।
आजादी का सच कहेंगे, सच छुपा सकते नहीं।।
सच छुपा सकते नहीं।।
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