ओ३म् नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली-गली।
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ओ३म् नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली-गली।
ले लो रे कोई ओ३म् का प्यारा, आवाज लगाऊँ गली-गली ।।
माया के दीवानों सुन लो, एक दिन ऐसा आयेगा।
धन-दौलत और रूप खजाना, धरा यहीं रह जायेगा।।
सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली-गली ।।1।।
ले लो रे कोई ओ३म् का प्यारा.........
मित्र प्यारे सगे-सम्बन्धी, इक दिन तुझे भुलायेंगे।
कल जो कहते अपना-अपना आग में तुझे जलायेंगे।।
दो दिन का यह चमन खिला है, फिर मुरझाये कली-कली।।2।।
ले लो रे कोई ओ३म् का प्यारा.......
क्यों करता है मेरी-मेरी, तज दे इस अभिमान को।
छोड़ जगत् के झूठे धंधे, जप ले प्रभु के नाम को ।।
गया समय फिर हाथ न आये, तब पछताये घड़ी घड़ी।।3।
ले लो रे कोई ओ३म् का प्यारा..........
जिसको अपना कह करके, मूरख तू इतराता है।
छोड़ के बन्दे साथ विपद में, कभी न कोई जाता है।।
दो दिन का यह रैन बसेरा, आखिर होगी चला-चली।।4।।
ले लो रे कोई ओ३म् का प्यारा.......
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