ईश्वर का गुणगान किया कर, कष्ट क्लेश मिटाने को
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ईश्वर का गुणगान किया कर, कष्ट क्लेश मिटाने को।
जीवन की यह नाव मिली है, भव सागर तर जाने को।
दाता ने हाथ दिये हैं, नेक कमाई कर प्यारे।
इन अपने पावन पाँवों को, पावन मग पर धर प्यारे।
नुस्खा है यह इस दुनिया में, जीवन अमर बनाने को ।।
ईश्वर का गुणगान किया कर...............
दर्द पराया देख के तुझको, दर्द उठे अपने तन में,
हर्षित को लख हर्ष मनायें, भावना भर दे जन-मन में।
यत्न किया कर पतझड़ में भी मधुर बसंत खिलाने को ।।
ईश्वर का गुणगान किया कर.................
सुख की शीतल छाया कर दे, दुःखिया जन की कुटिया में,
अपने घर में पड़ रहा गर, आलसी बन कर खटिया पर।
मानव चोला फिर न मिलेगा, तुझ को मौज उड़ाने को ।।
ईश्वर का गुणगान किया कर ....................
विश्व बगीचे के माली की, रचना प्यारी-प्यारी है,
रंग-बिरंगे पुष्प खिलावे शोभा जिनकी न्यारी है।।
अंत नहीं बेअंत है माया कह गये संत जमाने को।।
ईश्वर का गुणगान किया कर ....….......…...........
परमेश्वर का भक्त वही जो शुभ गुण जीवन में धारे।
पाप के जहरीले कीटाणु, सब चुन-चुन करके मारे।
'हंस' तेरा मन मंदिर है, भक्ति की ज्योति जलाने को।।
ईश्वर का गुणगान किया कर .............
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