यजुर्वेद पाठ के लाभ

 यजुर्वेद पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं: 1. *आध्यात्मिक विकास*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से आध्यात्मिक विकास होता है, और व्यक्ति के जीवन में आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की प्राप्ति होती है। 2. *शांति और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 3. *नकारात्मक ऊर्जा का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 4. *स्वास्थ्य लाभ*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ होता है, और व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 5. *धन और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 6. *संतान सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से संतान सुख की प्राप्ति होती है। 7. *वैवाहिक जीवन में सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 8. *व्यवसाय में सफलता*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से व्यवसाय में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 9. *बाधाओं का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से बाधाओं का नाश होता है, और व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि...

नव वर्ष मंगलमय हो Happy New year 2025



 *हवा लगी पश्चिम की , सारे कुप्पा बनकर फूल गए ।*

*ईस्वी सन तो याद रहा , पर अपना संवत्सर भूल गए ।।*

*चारों तरफ नए साल का , ऐसा मचा है हो-हल्ला ।*

*बेगानी शादी में नाचे , जैसे कोई दीवाना अब्दुल्ला ।।*

*धरती ठिठुर रही सर्दी से , घना कुहासा छाया है ।*

*कैसा ये नववर्ष है , जिससे सूरज भी शरमाया है ।।*

*सूनी है पेड़ों की डालें , फूल नहीं हैं उपवन में ।*

*पर्वत ढके बर्फ से सारे , रंग कहां है जीवन में ।।*

*बाट जोह रही सारी प्रकृति , आतुरता से फागुन का ।*

*जैसे रस्ता देख रही हो , सजनी अपने साजन का ।।*

*अभी ना उल्लासित हो इतने , आई अभी बहार नहीं ।*

*हम अपना नववर्ष मनाएंगे , न्यू ईयर हमें स्वीकार नहीं ।।*

*लिए बहारें आँचल में , जब चैत्र प्रतिपदा आएगी ।*

*फूलों का श्रृंगार करके , धरती दुल्हन बन जाएगी ।।*

*मौसम बड़ा सुहाना होगा , दिल सबके खिल जाएँगे ।*

*झूमेंगी फसलें खेतों में , हम गीत खुशी के गाएँगे ।।*

*उठो खुद को पहचानो , यूँ कबतक सोते रहोगे तुम ।*

*चिन्ह गुलामी के कंधों पर , कबतक ढोते रहोगे तुम ।।*

*अपनी समृद्ध परंपराओं का , आओ मिलकर मान बढ़ाएंगे ।*


_आर्यावर्त के वासी हैं हम , अब अपना नववर्ष मनाएंगे। 

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