यजुर्वेद पाठ के लाभ

 यजुर्वेद पाठ के लाभ निम्नलिखित हैं: 1. *आध्यात्मिक विकास*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से आध्यात्मिक विकास होता है, और व्यक्ति के जीवन में आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की प्राप्ति होती है। 2. *शांति और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 3. *नकारात्मक ऊर्जा का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 4. *स्वास्थ्य लाभ*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ होता है, और व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। 5. *धन और समृद्धि*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 6. *संतान सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से संतान सुख की प्राप्ति होती है। 7. *वैवाहिक जीवन में सुख*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 8. *व्यवसाय में सफलता*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से व्यवसाय में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 9. *बाधाओं का नाश*: यजुर्वेद पाठ के माध्यम से बाधाओं का नाश होता है, और व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि...

आप हमेशा स्वस्थ रहें यही प्रार्थना करते हैं।

 *दवा रहित जीवन जीना*


*1.* जल्दी सोना और जल्दी उठना दवा है।

*2.* ऊँ का जाप दवा है।

*3.* योग प्राणायाम ध्यान और व्यायाम दवा है।

*4.* सुबह-शाम टहलना भी दवा है।

*5.* उपवास सभी बीमारियों की दवा है।

*6.* सूर्य-प्रकाश भी दवा है।

*7.* मटके का पानी पीना भी दवा है।

*8.* ताली बजाना भी दवा है।

*9.* भोजन को खूब चबाना और पानी की तरह लेना भी दवा है।

*10.* भोजन की तरह चबाकर पानी पीना भी दवा है।

*11.* भोजन ग्रहण करने के पश्चात वज्रासन में बैठना दवा है।

*12.* खुश रहने का निर्णय भी दवा है।

*13.* कभी-कभी मौन भी दवा है।

*14.* हंसी-मजाक दवा है।

*15.* संतोष भी दवा है।

*16.* मन की शांति व स्वस्थ शरीर भी दवा है।

*17.* ईमानदारी व सकारात्मकता दवा है।

*18.* *निस्वार्थ प्रेम-भावना भी दवा है।*

*19.* *सबका भला ( परोपकार ) करना भी दवा है।*

*20.* ऐसा कुछ करना जिससे किसी की दुआ मिले, वह दवा है।

*21.* सबके साथ मिलजुल कर रहना दवा है।

*22.* परिवार के साथ खाना-पीना और घुलना-मिलना भी दवा है।

*23.* *आपका हर सच्चा और अच्छा मित्र भी बिना पैसे के पूरा मेडिकल स्टोर ही है।*

*24.* मस्त रहें, व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें और प्रसन्न चित्त रहें, यह भी दवा है।

*25.* हर नए दिन का भरपूर आनंद लेना भी दवा है।


* *और अन्त में...* 

*प्रकृति की "महानता" को समझना व उसके प्रति कृतज्ञता का भाव भी दवा है।*

 

*ये सभी औषधियां बिल्कुल निःशुल्क आपके पास है, आपको उपलब्ध हैं।*

आप हमेशा स्वस्थ रहें यही प्रार्थना करते हैं।

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